Hawailal or jinn comic story : एक बार हवाई लाल हवाई जहाज से अमेरिका जा रहे थे। उनके साथ उनके दोस्त कमाई लाल, समाई लाल और रुलाई लाल थे।
जब हवाई जहाज समुद्र के ऊपर था तो अचानक उसमें आग लग गई और हवाई जहाज टुकड़े-टुकड़े होकर एक द्वीप में जा गिरा।
हवाई जहाज में सवार सभी यात्रियों में से हवाई लाल और उनके मित्रों को छोड़कर कोई जीवित नहीं बचा। घबराकर सब ने चारों ओर देखा। द्वीप पर दूर-दूर तक इंसान तो क्या कोई जानवर तक नहीं था; पर द्वीप पर ताजे पानी का एक तालाब और फलों के पेड़ जरूर थे।
मरता क्या न करता वाली हालत में हवाई लाल और उनके दोस्त वहीं समय गुजारने लगे। सारे दिन बस इधर से उधर घूमना, फल तोड़ना खा लेना फिर सो जाना और हां कभी-कभी समुद्र से कुछ मछलियां भी पकड़ लेना यही उनकी दिनचर्या रह गई थी।
इसी तरह द्वीप पर रहते-रहते उन्हें चार साल हो गए।
एक दिन ऐसे ही घूमते घूमते हवाई लाल और उनके दोस्तों को जमीन में कुछ चमकदार सी चीज गड़ी दिखाई दी। उत्सुकतावश उन्होंने उसे खोदना शुरू किया और खोदते-खोदते अचानक उन्होंने देखा उनके सामने था एक चमकता हुआ सोने का चिराग…!
चिराग देखकर सारे के सारे दोस्त हैरान-परेशान हो गए उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि इस वीरान टापू पर इस चिराग का आखिर करें क्या?? कोई खाने की बढिया सी चीज़ मिलती तो भी कुछ बात थी…
गुस्से में आकर उन्होंने चिराग को जोर से जमीन पर पटक दिया।
अचानक उन्होंने देखा के चिराग से एक ज़ोर का धुआं उठा और धुएं के पीछे से एक बाहर आया एक जिन्न (Jinn)….
“हू हा हा हा मैं जिन्न हूं। एक बदमाश जादूगर ने मुझे इस चिराग में सैकड़ों सालों से बंद कर रखा था। आपने मुझे इस चिराग से मुक्त कराया है। इसके बदले मैं आप सब की एक-एक इच्छा पूरी करूंगा। बताएं क्या हुक्म है मेरे आका” जिन्न बोला।
पहले पहल तो जिन्न को देखकर सब की डर से घिघ्घी बंध गयी। फिर कुछ समय बाद जब सब थोड़ा सामान्य हुए तो उन्होंने जिन्न की पेशकश के बारे में सोचा। वे यह सोचकर ही रोमांचित हो उठे कि अब इतने सालों बाद उनकी, अपने मन की कोई इच्छा पूरी होने वाली है।
सबसे पहले नंबर आया कमाई लाल का..कमाई लाल की शहर में दसियों फैक्टरियाँ थीं। शहर के सबसे अमीर आदमियों में कमाई लाल का नाम शामिल था। उन्हें सिर्फ कमाई के अलावा कुछ नहीं सूझता था। उन्होंने जिन्न से कहा “जिन्न भाई जिन्न भाई, कब से मैंने अपनी फैक्ट्री नहीं देखी है . मुझे जल्दी से मेरी फैक्ट्री पर पहुंचा दो।”
“जो हुकुम मेरे आका” जिन्न ने कहा.
“हू हा हा हा छू”… और कमाई लाल गायब हो गए।
Hawailal or jinn comic story
अब नंबर आया समाई लाल का। नाम के अनुसार ही समाई लाल बड़े संतोष वाले इंसान थे उन्हें लगाव था तो बस अपने परिवार से। सो उन्होंने जिन्न से कहा “जिन्न भाई जिन्न भाई, कब से मैं अपने परिवार से दूर हूँ, मुझे तुरंत मेरे परिवार के पास पहुंचा दो तुम्हारा बड़ा उपकार होगा।”
“जो हुकुम मेरे आका, हू हा हा हा छू”… और समाई लाल भी गायब हो गए।
अब जिन्न के सामने पहुंचे रुलाई लाल। उनका हर समय बस एक ही काम था, रोते रहना। ज़रा सी परेशानी हुई नहीं और उनका रोना चिल्लाना और शिकायत करना शुरू…।
रुलाई लाल जिन्न से बोले “जिन्न भाई जिन्न भाई, कई साल से यहां फंसा हूं; ना कुछ अच्छा खाने को मिला ना पीने को, ना मनोरंजन के लिए यहां कुछ है। मुझे तो तुम किसी फाइव स्टार होटल में भेज दो जहां शराब हो, अच्छा खाना हो, अच्छा सा डांस हो। बस यही कर दो मेरे लिए।”
“जो हुकुम मेरे आका, हू हा हा हा छू”… रुलाई लाल भी गायब।
अब रह गए हवाई लाल।
जिन्न बार-बार बोलता, “आका जल्दी मांगो। आका जल्दी मांगो। मुझे और जगह भी जाना है।”
हवाई लाल घबरा गए। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर मांगें तो मांगें क्या?
“आका जल्दी करो ना”, जिन्न फिर चिल्लाया।
हवाई लाल सकपका गए, हड़बड़ाकर जिन्न से बोले “जिन्न भाई जिन्न भाई, मैं तो यहां अकेला रह गया। अब मैं यहां क्या करूंगा? ज़रा तुम जरा मेरे दोस्तों को वापस बुला दो ना!!
“हू हा हा हा छू” ….????
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