अगर आप सफल और खुशियों से भरी जिंदगी जीना चाहते हैं तो जानिए लाखो लोगों की खुशहाल जिंदगी का सबसे सफ़ल और आजमाया हुआ फार्मूला, जो है…. टीम स्पिरिट का जादू, जिंदगी को खुशहाल और सफल बनाने के लिए क्या कर सकता है इस बात को सब से बेहतर तरीके से बताता है दुनिया का सबसे शानदार उदाहरण… हंसों की उड़ान
क्या आप जानते हैं कि हंस हमेशा इंग्लिश के V के आकार में आगे बढ़ते हैं. पक्षी जब हवा में आगे बढ़ते हैं तो हवा उन को आगे बढ़ने से रोकती है. हवा को काट कर आगे बढ़ने के लिए पक्षियों को अपने पंखों से बहुत ताकत लगानी पड़ती है. अपने मुश्किल समय में जब एक जगह दाना पानी खत्म हो जाता है तो हंस एक जगह से दूसरी जगह शायद बहुत दूर (कभी-कभी तो दूसरे देश तक !), के लिए उड़ान भरते हैं. जब हंस V के आकार में उड़ते हैं तो जो हंस समूह में सबसे आगे होता है वह अपने पंखों की ताक़त से हवा को दूर धकेलता है जिसके फलस्वरूप उसके पीछे उड़ने वाले पक्षी को हवा के कम प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है, उससे पीछे वाले को उससे कम और उससे भी पीछे वाले को और भी कम…
उड़ते समय, कुछ समय बाद आगे वाला हंस झुंड में पीछे चला जाता है और एक दूसरा हंस उसकी जगह ले लेता है इस प्रकार उड़ते हुए, हंस अपनी शक्ति का 70% तक बचा लेते हैं और बहुत दूर तक की यात्रा, सफलतापूर्वक कर पाते हैं. झुण्ड के कमजोर और बीमारबपक्षियों को झुण्ड के बीच में या अन्त में रखा जाता है जिससे वे कम प्रयास में भी अपनी उड़ान पूरी कर सकें यदि समूह का कोई पक्षी बीमार होकर नीचे गिरने लगता है तो समूह के दो तीन पक्षी उसके साथ ही जमीन पर उतर आते हैं और तब तक उसके साथ रहते हैं जब तक वह स्वस्थ ना हो जाए या उसकी मृत्यु ही ना हो जाए। उसके बाद वे फिर से उड़ते हुए किस नए समूह में शामिल हो जाते हैं. यदि सभी अकेले-अकेले उड़ते तो मंजिल तक पहुँचने के लायक ताकत शायद किसी भी पक्षी में ना बचती और शायद एक भी पक्षी मंजिल तक ना पहँच पाता, पर साथ-साथ एक दूसरे के सहयोग से सभी को मंज़िल मिल जाती है।
हम सभी समाज में रहते हैं. समाज खुद में एक टीम या समूह है. इस बड़ी टीम में कई छोटे-छोटे समूह या टीम हैं. घर में आपका परिवार, स्कूल में आप के साथ पढ़ने वाले सहपाठी, आपके मित्र, आपके रिश्तेदार, वर्कप्लेस पर आपके साथ काम करने वाले साथी यानी आपके कलीग्स …सभी अपने में टीम हैं, जिनके साथ हम अपना जीवन गुजारते हैं.
टीम भावना या टीम स्पिरिट का मूल मंत्र है- सब की खुशी और सब की उन्नति, “सबके सहयोग के साथ”.
आमतौर पर हम सब अपनी जिंदगी सिर्फ अपने बारे में सोचकर गुजार देते हैं, ज्यादा से ज्यादा हम अपने परिवार को इसमें शामिल कर पाते हैं.
टीम स्पिरिट के लिए अकेली शर्त है-स्वार्थ का त्याग अर्थात सिर्फ अपने बारे में सोचने की इच्छा का त्याग, इसका अर्थ यह नहीं की अपना भला सोचना छोड़ दिया जाए बल्कि इसका अर्थ है सबके भले की इच्छा को भी अपनी सोच में शामिल कर लिया जाए,
हम सभी को आगे बढ़ने के लिए एक दूसरे के सहयोग की जरूरत होती है. समाज में हर किसी के पास कुछ ना कुछ अधिक होता है, और कुछ ना कुछ कम. किसी के पास धन अधिक हो सकता है पर हो सकता है शारीरिक बल कम हो, किसी के पास शारीरिक बल अधिक हो सकता है पर हो सकता है धन कम हो और हो सकता है किसी के पास यह दोनों चीजें अधिक मात्र में हों, पर समय ना हो…
यदि किसी के पास कुछ भी ना हो तो भी उसके पास दूसरों को देने के लिए समय अवश्य होता है, जिसमें वह और कुछ ना सही, दूसरों के लिए सच्चे दिल से प्रार्थना तो कर ही सकता है…
यदि हर इंसान है सोच ले कि वह हर उस चीज को दूसरों के साथ बांटेगा जो उसके पास अधिकता में है तो शायद सभी के पास, सभी कुछ होगा.इस प्रकार हर इंसान सुखी होगा सफल होगा और जीवन के सफर को बहुत बेहतर तरीके से तय कर पाएगा.
चलिए हम भी जीवन के इस शानदार जादू को जगाते हैं और इस तरह हमारा, दूसरों का यानि हम सभी का जीवन सफल और खुशहाल बनेगा….100%
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